शिर्डी के साँई बाबा जी के दर्शनों का सीधा प्रसारण... अधिक जानने के लियें पूरा पेज अवश्य देखें

शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Friday, 30 January 2015

Raham Nazar Karo


Shirdi Sai - Raham Nazar Karo
Raham nazar karo, ab more Sai
Tum bin nahin mujhe, maa baap bhai, 
Raham nazar karo

Mai andha hoon, bandha tumhara 
Mai andha hoon, bandha tumhara
Mai naa jaanu, mai naa jaanu, allah ilaahi
Raham nazar karo

Raham nazar karo, ab more Sai
Tum bin nahin mujhe, maa baap bhai, 
Raham nazar karo

Khaali zamana maine gavaaya
Khaali zamana maine gavaaya
Saathi akhir ka, saathi akhir ka, saathi akhir ka, Kiya na koyi
Raham nazar karo

Tuesday, 27 January 2015

बाबा साई ::


" मुझ पर पूर्ण विश्वास रखो । यधपि मै देह त्याग भी कर दूँगा, परन्तु फिर भी मेरी समाधि आशा और विश्वास का संचार करती रहेंगी । केवल मै ही नहीं, मेरी समाधि भी वार्तालाप करेगी, चलेगी, फिरेगी, ओर उन्हें आशा का सन्देश पहुँचाती रहेगी, जो अनन्य भाव से मेरे शरणागत होंगे ।

निराश न होना कि मै तुमसे विदा हो जाऊँगा । तुम सदैव मेरी  समाधि को भक्तों के कल्याणार्थ ही चिंतित पाओगे । यदि मेरा निरंतर स्मरण और मुझ पर दृढ विश्वास रखोगे तो तुम्हें अधिक लाभ होगा ।"

ॐ साई राम

Monday, 26 January 2015

Bhajan Lyrics Thoda Dhyan Laga Sai Daude Daude Aayenge



 Thoda Dhyan Laga 
    Thoda Dhyan Laga 
Sai Daude Daude Aayenge,

Saturday, 8 February 2014

श्रद्धा भक्ति नाव बने, बाबा उसे चलाये

ॐ साईं श्री साईं ॐ श्री साईं


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श्रद्धा भक्ति नाव बने, बाबा उसे चलाये |
बाबा जी की हो कृपा, भवसागर तर जाय ||
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श्री सच्चिदानंद साई महाराज को साष्टांग नमस्कार करके उनके चरण पकड़ कर हम सब भक्तों के कल्याणार्थ उनसे प्रार्थना करते है कि हे साई । हमारे मन की चंचलता और वासनाओं को दूर करो । हे प्रभु । तुम्हारे श्रीचरणों के अतिरिक्त हममें किसी अन्य वस्तु की लालसा न रहे ।