" मुझ पर पूर्ण विश्वास रखो । यधपि मै देह त्याग भी कर दूँगा, परन्तु फिर भी मेरी समाधि आशा और विश्वास का संचार करती रहेंगी । केवल मै ही नहीं, मेरी समाधि भी वार्तालाप करेगी, चलेगी, फिरेगी, ओर उन्हें आशा का सन्देश पहुँचाती रहेगी, जो अनन्य भाव से मेरे शरणागत होंगे ।
निराश न होना कि मै तुमसे विदा हो जाऊँगा । तुम सदैव मेरी समाधि को भक्तों के कल्याणार्थ ही चिंतित पाओगे । यदि मेरा निरंतर स्मरण और मुझ पर दृढ विश्वास रखोगे तो तुम्हें अधिक लाभ होगा ।"
ॐ साई राम
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